युवा कवियत्री अंकिता सिन्हा की "कोरोनाकाल" पुस्तक में कोरोना काल व्यथा पर फोकस, जल्द होगा पुस्तक का विमोचन, जमशेदपुर। जब हृदय पीडा़ से घायल हो तो कलम आसुओं के दर्दनाक पहलूओं को पन्नो पर उतारती है।जब देश में हालात और परिस्थितियां करवट लेती है तो कलमकार की कलम भी शब्द सृजन करती है। ऐसी ही एक जमशेदपुर की युवा कलमकार राष्ट्रीय स्तर की ख्यातिप्राप्त व तिरंगा गौरव अवार्ड से सम्मानित युवा कवयित्री अंकिता सिन्हा ने " कोरोनाकाल" नामक पुस्तक लिखी है। अंकिता ने "कोरोनाकाल " में हालात व परिस्थितियों की दर्दभरी दास्तान लिखी है। कोरोनाकाल के दौरान लॉकडाउन की विषम स्थितियों में सामाजिक कार्यकर्ता एवं साहित्यिक रूप मे अपने मानवीय संवेदनाओ को व्यक्त करते हुए लोगों की तकलीफों को कम किया, और लोगों के दर्दो की आह को पन्नों पर उतारने की भरपूर कोशिश की है। इस्पात नगरी जमशेदपुर की बेटी अंकिता सिन्हा की कोरोनाकाल पर लिखी गई पुस्तक गाजियाबाद स्थित देवप्रभा प्रकाशन से प्रकाशित हो रही है, जो शीघ्र ही बाजार व आपके हाथों में होगी। इस पुस्तक में लोगों का दर्द छुपा है। मजदूर
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